‘अटल डिजिटल सुविधा केंद्र’ गांवों में तकनीक की नई सुबह
जिले की 152 पंचायतों में पहुंची सरकारी सेवाएं
कोटा ब्लॉक के सीमावर्ती केंदा सहित कई गांवों में दिखा बदलाव का प्रभाव
बिलासपुर, 27अक्टूबर 2025/छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पंचायती राज दिवस 2025 के अवसर पर प्रारंभ की गई योजना ‘अटल डिजिटल सुविधा केंद्र’ ने गांवों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी में सुविधा, समय की बचत और आत्मनिर्भरता का नया अध्याय जोड़ा है। यह पहल राज्य में डिजिटल शासन के विज़न को गांव-गांव तक ले जाने का एक सफल उदाहरण बन चुकी है। इस योजना के तहत जिले की 152 ग्राम पंचायतों में एक साथ ये केंद्र स्थापित किए गए, जिनका उद्देश्य था ’’सरकारी सेवाओं को गांव में ही सुलभ बनाना’’। आज भी ऐसे लोग है जो डिजिटल सुविधाओं से वंचित है। प्रदेश में अंतिम नागरिक तक सेवाएं पहुंचाने के उद्देश्य से अटल डिजिटल सुविधा केंद्र की शुरूआत की गई। यह एक ऐसा केंद्र है जो गांव और छोटे कस्बों में लोगों को डिजिटल सुविधाएं देने का काम कर रहा है।




गांव की चौपाल से डिजिटल खिड़की तक
पहले जहां जाति प्रमाण पत्र, पेंशन, आय प्रमाण पत्र, बिजली बिल या बैंकिंग जैसे कार्यों के लिए ग्रामीणों को ब्लॉक या जिला मुख्यालय की दौड़ लगानी पड़ती थी, वहीं अब ये सभी सेवाएं गांव के अटल डिजिटल सुविधा केंद्र पर ही उपलब्ध हैं। इससे न केवल समय की बचत हो रही है, बल्कि लोगों की रोज़ाना की कमाई और श्रम पर भी असर नहीं पड़ता।
सुविधाएं
इन केंद्रों में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, जाति, आय, निवास के लिए आवेदन, पैसे निकालना एवं जमा करना, पेंशन और योजनाओं की राशि भी आसानी से मिल जाती है। बैंकिंग, बिजली और पानी का बिल जमा करना, सरकारी योजनाओं सहित बहुत सारी सुविधाएं मिल रही है।
केंदा बदलाव की एक झलक
कोटा ब्लॉक के दूरस्थ गांव केंदा में यह परिवर्तन प्रत्यक्ष रूप से देखा जा सकता है। ग्रामीणों ने इस केंद्र को सहजता से अपनाया है, और मात्र 5 महीनों में यहां 2 करोड़ रुपये से अधिक का डिजिटल ट्रांजेक्शन दर्ज हुआ है।









